जिलाधिकारी के निर्देशानुसार: बाल श्रम न कराने के विषय में किया गया जागरूक, महराजगंज में बाल श्रम कानून की उड़ रही धज्जियां, प्रशासन भी नहीं दे रहा ध्यान जनपद में लगातार चलता है अभियान

जिलाधिकारी के निर्देशानुसार: बाल श्रम न कराने के विषय में किया गया जागरूक, महराजगंज में बाल श्रम कानून की उड़ रही धज्जियां, प्रशासन भी नहीं दे रहा ध्यान  जनपद में लगातार चलता है अभियान
जिलाधिकारी के निर्देशानुसार: बाल श्रम न कराने के विषय में किया गया जागरूक
महराजगंज में बाल श्रम कानून की उड़ रही धज्जियां, प्रशासन भी नहीं दे रहा ध्यान
जनपद में लगातार चलता है अभियान

ब्यूरो रिपोर्ट: राजन प्रजापति

रायबरेली। बाल श्रम न कराने के विषय में किया गया जागरूक। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के निर्देशानुसार बाल श्रम उन्मूलन अभियान सहायक श्रमायुक्त आर०एल० स्वर्णकार के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। जिसके तहत एएचटीयू, सीडब्लूसी, बाल संरक्षण इकाई एवं श्रम विभाग की संयुक्त टीम द्वारा सरेनी थाना क्षेत्र के सरेनी बाजार में कार्यवाही की गई, जिसमें तीन बच्चों का चिन्हांकन किया गया तथा दुकानदारों को बाल श्रम न कराने के विषय में जागरूक किया गया। उपस्थित लोगों को 18 वर्ष की कम आयु के बच्चों से बाल श्रम न कराया जाए के लिए निर्देशित किया गया। अभियान में श्रम प्रवर्तन अधिकारी सुश्री शशि सिंह, शिव शंकर पाल व मान सिंह बाल कल्याण समिति से सदस्य/प्रदत्त शक्ति प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट मिलिंद कुमार द्विवेदी, एएचटीयू उप निरीक्षक राशिद खान, वरिष्ठ महिला आरक्षी संगीता मिश्रा, आरक्षी रविंदर तथा स्थानीय थाना सरेनी एसएचओ रमेश चंद्र यादव उपस्थित रहे। वहीं महराजगंज में बाल श्रम कानून की उड़ रही धज्जियां, प्रशासन भी नहीं दे रहा ध्यान। जहाँ लगातार जनपद में अभियान चलाया जाता है और जागरूक किया जाता।

वहीं महराजगंज लगातार धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। क़स्बा में छोटे-छोटे बच्चे दुकानों और होटलों पर मजदूरी का कार्य कर रहे हैं। सरकार प्रशासन बाल मजदूरी रोकने के लिए आए दिन नए-नए कानून बना रही हैं। वहीं दूसरी ओर क़स्बा महराजगंज में लगातार छोटे-छोटे बच्चों की तादाद बढ़ती जा रही है। होटलों चाय की दुकानों पर काम करने वाले बाल-मजदूरों की बढ़ती संख्या से ऐसे लगता है कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम महज कागजी हैं। होटलों चाय की दुकानों पर बाल मजदूर काम करते देखे जा रहे हैं। अधिकारी सिर्फ अभियान चलाकर कागजी कार्यवाही पूरी कर खानापूर्ति कर लेते है।